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+90°
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1-00
100
1-00
1-00
1-00
Polhàhe und Polhóhenbestimmung.
2) für dd = 1"
„N -80% 20% 10° 0° |+105+20+30°+40°+45+50°) +55° | +60° | +70°| +80° +85° | +90°
0/1^0011^-00[1^^00]1*00/1'00/1"-00]^*00]1^001'*091/-00|—1/^00|—17^00| - 1^00|—1'*00| -17^00|-1/^00
1 [101 [1:02 [1:03 [1:04 [105 [1:06 [1-10 [1:25 154 [1-00 |-0-68 |-0-83 |-0592 |-0-95 |-0-96 |-0-97
2 [1-05 |1-08 [1-11 [1-15 [1-21 [1-81 [1-52 [2-35 | — [1:00 |-011 |-044 |-072 |-080 | -084 |-0:87
3112 1-20 [1-29 1:41 1:60 [1:95 [2-98 | — |1-69 [1:00 |+0-31 | 0-04 |-0-39 |-0:59 |-0-65 |-0-71
4| 1:43 |1-66 2-00 2:63 £33 | — 3:19 [171 [1:00 | 056 |+0-28 |-0-09 |-0-33 |-0:42 |-0-50
51 | 1267886 | — | — [386 |1-69 |1:85 100 | 073 | 052 4020 |-005 |-0-16 |-0:26
gl | 672 [3:27 [206 |1-42 1-19 [1-00 | 0-84 | 0-68 | 0-48 [+021 |+0-11 | 0-00
7 1-51 1:23 |L-11 [1-00 | 0:90 | 0-80 | 0-62 | 0-45 | 0:35 |+0-26
8 1-26 1-12 [1-06 |1-00 | 0:94 | 0:89 | 0-76 | 0:64 | 057 | 0:50
9 1-06 [1-02 [1-00 | 0:97 | 0:94 | 0-87 | 0-79 | 0:75 | 0-71
10 1-02 |1-01 [1:00 | 0:99 | 098 | 0:96 | 091 | 0:89 | 087
11 | | 1-01 {1-00 {1-00 | 1:00 | 0:99 | 099 | 0:98 | 0:97 | 0-97
12 1:00 [100 [1:00 | 1:00 | 1:00 | 1:00 | 1:00 | 1-00 | 1:00
3) e für d? 1:
| -807- 209-107 0° +-10°4+20°+-80°+40°+459+509+55%)+60°+70°+-80°4+85%+90°
0 | 0"*00/0"-00/0^-00|0"-90/0^-00/0"-00/0"':000"00/0"«00/0"-000"'-000".000"-00]0"^-900""-000"^00
1|2:25 | 2:56] 2:92) 3:38 $98 494| 6-161242| — | — |13:95| 6 69| 243| 084| 0:38| 0:00
2 |4:67 | 5:87 6:21 728| 87611241650, — | — 46-20/18-90/10-78 4-47] 1-62] 0-72] 0-00
3 |v47 | 879103812:5915-9192-1789:70| — | — 30:39/118-15/11:93| 5:56, 2-19| 0-99| 000
4 13:53/16-8021-7980-9045"13| — | — |83:6021/7815:6011:43| 6.05| 2:56, 1-02 0:00
5 — |= |= | = | = [24:8021:00/16:40/12:90/10:19| 594| 2-70 1-03 0:00
6 25.95/17-88/16-2012-59|10-50) 8-67 5:46) 2-64| 1:03| 0-00
7 16-85|12-6311-10) 9-66| 8-40) 7°10] 4°74 2:43 1:02] 0:00
8 11-07 9-06) 8-10] 7:28) 6-45) 5:58| 3:90 2:07 1:01 0:00
9 6:30] 570 5:22) 4-65) 4-18 2:95 1-64 0:86 0:00
10 4:01| 3-75 8:38] 3:00| 2:72] 1-98] 1-12) 0:60 0:00
11 1-95) 1:80 1465] 150] 1:35] 0:99] 0-57] 0:31] 0:00
12 0:00] 0:00] 0:00 0-00 0-00] 0:00] 0-00] 0-00| 0-00
Um nun die in der Nàhe des Meridians vor und nach dem Durchgang des
Sternes durch den Meridian selbst gemachten Zeuithdistanzen auf den Durch-
gang zu reduciren, setzen wir in der Gleichung (1) cos — 1 — 2 5/4? $ , dann
kommt
wo z, die Zenithdistanz im Meridian, e — 0, bedeutet.
so ist
WO z, constant und # eine Function von y ist. Auf diese Formel die MACLAURIN-
sche Reihe angewandt, erhalten wir die Reihe
cos z = cos £g — 2 cos q cos 0 sin? 34,
2 cos @ cos ö sin? Lt = y,
€0$ Z — (0$ 89 — y,
Setzen wir hier